कर्तव्य पथ पर दिखा उत्तराखंड कुमाऊं की ऐपण आर्ट का जलवा, मुख्यमंत्री धामी ने शूरवीरों को किया याद

आज यानि की 26 जनवरी को भारत बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है,जगह जगह तिरंगा लहरा रहा है.

कर्तव्य पथ पर दिखा उत्तराखंड कुमाऊं की ऐपण आर्ट का जलवा, मुख्यमंत्री धामी ने शूरवीरों को किया याद
शहीदों का सपना जब सच हुआ
हिंदुस्तान तब स्वतंत्र हुआ
आओ, सलाम करे उन वीरो को
जिनकी वजह से भारत गणतंत्र हुआ

 

आज यानि की 26 जनवरी को भारत बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है,जगह जगह तिरंगा लहरा रहा है, रंगा रंग  देश भक्ति के कार्यक्रम हो रहे है, बच्चो से लेकर बूढे तक देश भक्ति में लीन है, वही हर साल की तरह कर्तव्य पथ  पर  गणतंत्र दिवस की परेड का आयोजन किया गया,राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के तिरंगा फैलाने के बाद 21 तोपों की सलामी दी गई और शुरुआत हुई मन को मोह लेने वाली गणतंत्र दिवस की उस परेड का जिसका सबको बेसब्री से इंतज़ार होता है.

 
इस साल जहां मिस्र के राष्ट्रपति अब्लेद फतह अल-सीसी गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए, वही इस साल परेड में ख़ास यह रहा की पहली बार अग्निवीरो ने अपना जलवा बिखेरा.  लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत के नेतृत्व में 144 युवा नाविकों की नौसेना टुकड़ी ने कर्तव्य पथ पर मार्च किया। इस दौरान टुकड़ी में 3 महिलाएं और 6 पुरुष अग्निवीर शामिल रहे। 

 
गणतंत्र दिवस की परेड में अलग अलग राज्यों की शानदार और मन को मोह लेने वाली झाँकियो ने जहा लोगो का दिल जीता तो वही वीरो की भूमि उत्तराखंड की झांकी ने कर्तव्यपथ पर गायब हो रही अपनी संस्कृति को दुनिया के सामने उभारा. कर्तव्यपथ पर जब उत्तराखंड की झांकी निकली तो ऐपण की चौकियों व बेलों के चटक रंग ने पूरे देश को अपनी तरफ आकर्षित किया जिसके चलते लोगो ने इस लोककला को जाना।साथ ही झांकी में कॉर्बेट नेशनल पार्क और अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम को दर्शाया गया।

मुख्यमंत्री धामी ने शूरवीरों के बलिदान को किया याद

वही बात करे देवभूमि उत्तराखंड की तो प्रदेश में भी बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ गणतंत्र दिवस मनाया गया राज्य के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों  को गणतंत्र दिवस की बधाई दी और तंत्रता संग्राम सेनानियों, संविधान निर्माताओं और राज्य आंदोलनकारियों को नमन किया। कहा, गणतंत्र दिवस हमारे स्वाधीनता सेनानियों के त्याग एवं बलिदान का स्मरण भी कराता है। यह अवसर हमें देशभक्तों के सपनों को साकार करने और अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध होने का संकल्प लेने की भी प्रेरणा देता है।