उत्तराखंड: भीड़ में फंसे 7 साल के तेंदुए को जिंदा जलाया, जांच के आदेश

पौड़ी गढ़वाल के पाबो प्रखंड में मंगलवार को अज्ञात भीड़ ने सात वर्षीय नर तेंदुए को जिंदा जला दिया

उत्तराखंड: भीड़ में फंसे 7 साल के तेंदुए को जिंदा जलाया, जांच के आदेश
पौड़ी गढ़वाल के पाबो प्रखंड में मंगलवार को अज्ञात भीड़ ने सात वर्षीय नर तेंदुए को जिंदा जला दिया। घटना का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड के मुख्य वन्यजीव वार्डन पराग ढकटे ने संबंधित अधिकारियों को अज्ञात हमलावरों के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों को कहना है हम घटना की जांच कर रहे हैं। स्थिति नाजुक थी। मौके पर पहुंचने पर भीड़ ने वन विभाग के कुछ कर्मचारियों पर भी हमला करने की कोशिश की। 

अधिकारियों के मुताबिक, 15 मई को नागदेव वन क्षेत्र के सप्लोरी गांव में तेंदुए ने एक 47 वर्षीय महिला की हत्या कर दी थी। इसके बाद संभागीय वन अधिकारी रेंज के अधिकारियों ने तेंदुए को शांत कराने व फंसाने की मांगी अनुमति, अनुमति मिलने के बाद वन अमले ने क्षेत्र में दो पिंजड़े लगाए। मंगलवार को तेंदुआ एक जाल में फंस गया। हालांकि, इससे पहले कि वन कर्मचारी बिल्ली को शांत करने के लिए मौके पर पहुंच पाते, लोगों के एक समूह ने बड़ी बिल्ली को जिंदा जला दिया। 

उत्तराखंड में 2011 में इसी तरह की बदला लेने वाली हत्या देखी गई थी, जब पौड़ी के रेखणीखाल ब्लॉक के धामदार गांव के निवासियों ने वन कर्मचारियों के सामने एक पिंजरे में बंद तेंदुए को जिंदा जला दिया था। उत्तराखंड में इस साल अब तक तेंदुए के हमले में कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसी अधिकांश घटनाएं अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और पौड़ी जिलों में दर्ज की गईं। विशेषज्ञों के अनुसार, मानव-पशु संघर्ष की घटनाओं में से 60% मौतें उत्तराखंड में तेंदुए के हमलों के कारण होती हैं।