इंटरनेशनल टाइगर डे: बढ़ रही है बाघों की संख्या, उत्तराखंड तीसरे स्थान पर
पुरे देश में सबसे ज्यादा भारत में बाघ पाए जाते है। पिछले कुछ सालो से बाघों की संख्या घटने में एक चिंता का विषय बन चूका था।

पुरे देश में सबसे ज्यादा भारत में बाघ पाए जाते है। पिछले कुछ सालो से बाघों की संख्या घटने में एक चिंता का विषय बन चूका था। वन्यजीव तस्करी व शिकार के चलते बाघों की संख्या घटती जा रही थी लेकिन हालांकि, अपने संरक्षण इतिहास में पहली बार, WWF ने देखा है कि उनकी संख्या बढ़ रही है। वर्ष 2019 की बात की जाएं तो जारी हुए रिपोर्ट के मुताबिक 2967 बाघों की संख्या सामने आई है।
बाघों की घटती प्रजातियों की आबादी के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल 29 जुलाई को अंतरष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है आंकड़ों को देखें तो वर्ष 2008 में यहां बाघों की संख्या 179 थी, जो वर्ष 2018 में 442 पहुंच गई। अखिल भारतीय बाघ गणना (2018) के मुताबिक संख्या के लिहाज से मध्य प्रदेश (526) व कर्नाटक (524) के बाद उत्तराखंड तीसरे स्थान पर है। जिस हिसाब से प्रदेश में बाघ बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए अगली गणना में यह आंकड़ा पांच सौ के करीब तक पहुंच सकता है।
बाघ भारत के राष्ट्रीय पशु है जिसके बावजूद भारत में साल 2010 में बाघ विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गए थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में केरल, उत्तराखंड, बिहार और मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस बीच पिछले चार-पांच वर्षों के दौरान बाघों की मौजूदगी उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भी देखी गई है। 14 हजार फीट की ऊंचाई तक केदारनाथ वन प्रभाग, मध्यमहेश्वर, अस्कोट सेंचुरी जैसे क्षेत्रों में लगे कैमरा ट्रैप में कैद बाघों की तस्वीरें इसे प्रमाणित करती है। ऐसे में बाघों के लिए वन क्षेत्रों में भोजन, सुरक्षा जैसे मामलों में चुनौतियां बढ़ गई हैं।
संख्या |
राज्य |
बाघों की संख्या |
1 |
मध्य प्रदेश |
526 |
2 |
कर्नाटक |
524 |
3 |
उत्तराखंड |
442 |
4 |
महाराष्ट्र |
312 |
5 |
तमिलनाडू |
264 |
6 |
असम |
190 |
7 |
केरला |
190 |
8 |
उत्तर प्रदेश |
173 |
9 |
पश्चिम बंगाल |
88 |
10 |
राजस्थान |
69 |
11 |
आंध्र प्रदेश |
58 |
12 |
बिहार |
31 |
13 |
अरुणांचल प्रदेश |
29 |
14 |
ओडिशा |
28 |
15 |
छत्तीसगढ़ |
19 |
16 |
झारखण्ड |
05 |
17 |
गोवा |
03 |