करना चाहते है केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा तो रखें इन 8 बातों का ध्यान

धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों को जाना भी किसी पिकनिक स्पॉट से कम नहीं है। हिमालय की ऊंचाई पर बसे केदारनाथ और बद्रीनाथ की और पर्यटक व श्रद्धालु बेहद रुझान बढ़ रहा है

करना चाहते है केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा तो रखें इन 8 बातों का ध्यान
इस साल धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों को जाना भी किसी पिकनिक स्पॉट से कम नहीं है। हिमालय की ऊंचाई पर बसे केदारनाथ और बद्रीनाथ की और पर्यटक व श्रद्धालु बेहद रुझान बढ़ रहा है। लाखों की तादात में श्रद्धालु केदारनाथ और बद्रीनाथ पहुंच रहे है। ग्लेशियर के बीच बसे इन पवित्र धामों पर पूरे साल ठण्ड का मौसम रहता है। यहाँ की सर्दियाँ बेहद कठोर होती है। यहाँ का तापमान कभी भी एक जैसा नहीं रहता है। कभी दिन में चटक धूप होती है तो शाम होते होते पारा शून्य हो जाता है। 

वैसे यहाँ बारह मास बारिश रहती है बारिश होने का यहाँ कुछ पता नहीं होता है। वहीं, मानसून के महीनों में जुलाई से अगस्त तक भारी बारिश होती है, जिससे सड़कें भी अवरुद्ध हो जाती हैं। मई-जून के महीनों में तापमान 17 डिग्री तक रहता है, जिससे केदारनाथ और बद्रीनाथ जाने के लिए यह समय सबसे अच्छा है। अगर आप पहली बार इस यात्रा पर जा रहे हैं तो सुरक्षित यात्रा के लिए इन 8 बातों का ध्यान जरूर रखें ताकि आप ऐसी कोई गलती न करें जिसके लिए आपको बाद में पछताना पड़े। 

स्वास्थ जांच 

किसी परवर्तीय क्षेत्र में जाने से पहले अपने डॉटर से कंसल्ट जरूर करें ख़ास वो लोग जो दिल के या रक्तचाप जैसी बीमारियों से ग्रस्त है। ऐसे मरीज अपने निजी डॉक्टरों से ऐसी यात्रों पर जाने से पहले सलाह जरूर ले और अपना बॉडी चेकअप जबूर कराएं। 

दवाएं रखे साथ में 

पहाड़ो के बीचों बीच मंदिरों का रास्ता कोई सीधा सरल नहीं है। ऊंचाई पर एक्यूट माउंटेन सिकनेस (AMS) भी आम बीमारी है। वही इन रास्तों में चलते चलते आपको चक्कर या उल्टियां, सिर दर्द, पेट दर्द, साँस लेने में तकलीफ और कमजोरी शामिल हो सकती है। ऐसे में अच्छा होगा कि आप दवाएं अपने साथ रखें। इनमें दर्द निवारक, एंटीबायोटिक्स, खांसी की दवाएं, एंटीसेप्टिक क्रीम और जैल, आयोडीन और सर्दी और बुखार की दवाएं शामिल हैं।

ड्राई फ्रूट्स और खाने पीने की चीजे साथ रखें 

इस चढ़ाई भरे रास्तों पर आप जल्दी थक जाएंगे। बीच रास्तों में आपकी सांसें फूल सकती है। ऐसे समय घबराने की जरूरत नहीं है। एक तरफ लगी बेंचों में बैठ के थोड़ी देर आराम कर सकते है। इस आराम के दौरान आप ड्राई फ्रूट्स या बिस्किट चॉकलेट खा सकते है। पानी जरूर पिएं लेकिन अधिक मात्रा में ना पिएं क्यूंकि अधिक मात्रा में पानी पिने से आपको ज्यादा थकान महसूस होगी। इस यात्रा में लम्बे समय तक भूखे न रहें। तीर्थ स्थलों के रास्ते में आप कई फूड स्टॉल और ढाबों से खाना खरीद सकते हैं। 

पावर बैंक व एक डायरी रखें 

केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा के दौरान हर समय उचित मोबाइल फोन नेटवर्क प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। वहां बिजली भी बहुत जाती है और लंबे समय तक जाती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने साथ अतिरिक्त बैटरी और पावर बैंक ले जाएं। इसके अलावा अपने साथ एक डायरी भी रखें, ताकि जरूरी बातें नोट की जा सकें। जैसे इमरजेंसी के लिए गाइड का फोन नंबर, नजदीकी पुलिस स्टेशन, दोस्तों और परिवार के सदस्यों का नंबर।

बैग में न रखें फालतू समान 

चढ़ते वक्त ज्यादा भारी और मोटे कपड़े न पहने जितना हो सके हल्के कपड़ें पहने। दूसरी महत्वपूर्ण बात चढ़ाई के दौरान कन्धों पर ज्यादा बोझ न रखे बैग में जितना कम सामान रखेंगे आपके लिए चढ़ना उनता आसान होगा। बैग में किसी तरह का मोटा कंबल न रखें क्यूंकि ऊपर बेस कैंप में आपको सोने से लेकर ओढ़ने तक की सुविधा मिलेगी। इसीलिए अपने बैग में कम कपड़े रखने का प्रयास करें। वही बदलते मौसम के चलते रेनकोट न भूले। 

ट्रैवल एजेंसी की ले मदद 

केदारनाथ और बद्रीनाथ की तीर्थयात्रा संकरी और खतरनाक हिमालयी सड़कों, बदलते मौसम और उबड़-खाबड़ रास्तों से भरी पड़ी है। यह सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका है कि श्री केदारनाथ और श्री बद्रीनाथ दर्शन सुरक्षित, परेशानी मुक्त और आध्यात्मिक रूप से ज्ञानवर्धक रहें, एक प्रतिष्ठित और विश्वसनीय टूर ऑपरेटर या ट्रैवल एजेंसी के माध्यम से अपनी यात्रा की योजना बनाएं। 

कैश रखें साथ 

ऊपर के पहाड़ों में आपको ऑनलाइन पेमेंट सुविधा नहीं मिल पाती है इसीलिए जरुरी है की ऐसे स्थानों पर कैश का इस्तेमाल करें। 

एडवांस में करें होटल बुक 

चार धाम में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। इसलिए अगर वहां जाने की तैयारी है तो पहले से होटल बुक कर लें ताकि वहां पहुंचने के बाद कोई परेशानी न हो।