अग्निवीर नहीं बन सका तो 21 साल के कमलेश ने दी जान

जिंदगी में सफलता पाने के बाद उस सफलता को जीने का उत्सव कैसे बनाना है यह तरीका तो हर कोई जानता है मगर असल जिंदगी जीना हम तभी सीखते हैं.

अग्निवीर नहीं बन सका तो 21 साल के कमलेश ने दी जान

जिंदगी में सफलता पाने के बाद उस सफलता को जीने का उत्सव कैसे बनाना है यह तरीका तो हर कोई जानता है मगर असल जिंदगी जीना हम तभी सीखते हैं जब हम जिंदगी में मिली असफलताओं से लड़ना सीख जाते हैं मगर अफसोस कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो की जिंदगी में मिल रही असफलताओं से कैसे लड़ना है उन परिस्थितियों में कैसे खुद को मजबूत रखना है यह नहीं समझ पाते अगर जिंदगी में मिली असफलता से कैसे निपटना है इस बात को बागेश्वर का रहने वाला कमलेश गोस्वामी जानता तो शायद आज वो 21 साल का  नौजवान हम सबके बीच होता कमलेश के परिवार को जीते जी अपने जवान बेटे को खोने का गम नहीं होता कमलेश हर पहाड़ी की तरह अपने देश की रक्षा करना चाहता था हर कोई जानता है की पहाड़ के नौजवान अगर अपने पहाड़ के बाद किसी से सबसे ज्यादा प्रेम करते हैं तो वह उनका देश होता है कमलेश  भी अपने देश से बेहद प्यार करता था उसने ठाना था कि अग्निवीर बन कर  देश की सेवा करेगा उसके लिए उसने खूब मेहनत भी की थी लेकिन उसके सारे सपने तब टूट गए जब उसका सलेक्शन  नहीं हुआ और इस असफलता के बाद कमलेश ने आत्महत्या को गले लगा दिया।

 

कमलेश के घरवालों का कहना है कि पिछले महीने ही कमलेश ने परीक्षा में हिस्सा लिया था उम्मीद थी कि पास हो जाएगा लेकिन जब सोमवार को रिजल्ट आया तो पास होने वालों की लिस्ट में कमलेश ने अपना नाम ना पाकर उदास हो गया कमलेश के घरवालों का कहना है की रिजल्ट आने के बाद कमलेश बहुत ज्यादा उदास था वे घर लौटा और उसने किसी से बात नहीं की सीधा अपने कमरे में गया और कमरा बंद कर लिया उसके बाद जब कमरा खुला तो परिवार वालों के होश उड़ गए कमलेश ने जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर ली थी।

 

बताया जा रहा है की कमलेश के पास NCC का c सर्टिफिकेट था और फिजिकल में भी कमलेश ने 100 अंक प्राप्त किए थे मगर फिर भी जब अग्निविर की मेरिट लिस्ट में नाम नही आया तो कमलेश ने सरकार के सिस्टम से तंग आके अपनी जीवन लीला को समाप्त कर लिया कमलेश की मौत के बाद कमलेश के गांव में मातम पसरा हुआ इस खबर के सामने आने के बाद एक सवाल लोगों के जहन में उमड़ रहा है की चुनाव के वक्त अपने दौरे के दौरान देश के प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था की “पहाड़ का पानी और जवानी दोनों अब बेकार नहीं होगी” लेकिन कमलेश की मौत सरकारी सिस्टम पर कई बड़े सवाल खड़े कर रही है।