शरीर में होने वाले मामूली लक्षणों ना करें नजरअंदाज, ब्रेन ट्यूमर का भी हो सकता है खतरा
शरीर में कुछ छोटी मोती तकलीफे ले सकती है बड़ी बीमारी का रूप

अक्सर हमें कभी कभी शरीर में कुछ छोटी मोती तकलीफे होती है जैसे चक्कर आना, उल्टियां होना, याददास्त कम होना,या अचानक असहनीय सिर दर्द होना। लेकिन इन तकलीफों को हम नजर अंदाज कर देते है या खुद को ही डॉक्टर समझकर दवा ले लेते है अगर इससे भी आराम ना मिले तो घरेलु नुक्से अपना लेते है। लेकिन बता दे ऐसे लक्षणों का संकेत ब्रेन ट्यूमर के भी हो सकता है।
जानिए क्या कहते है डॉक्टर
राजधानी देहरादून के न्यूरो फिजीशियन और न्यूरो सर्जन कहना है की दो दशकों के अंदर ब्रेन ट्यूमर के मरीजों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है। न्यूरो सर्जन डॉक्टर महेश कुड़ियाल का मानना है कि ब्रेन ट्यूमर होने की वजह का खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है लेकिन लेकिन सीटी स्कैन, एमआरआई से समय रहते ब्रेन ट्यूमर का पता लगाया जा सकता है।
वहीं डॉक्टर रचियता नरसरिया का कहना है कि मस्तिष्क में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ जाती हैं और इससे जो गांठ बन जाती है, उसे ही ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क या उससे आसपास के ऊतकों में ही शुरू होता है। लेकिन मेटास्टेटिस ब्रेन ट्यूमर शरीर के किसी अन्य हिस्से से शुरू होता है और मस्तिष्क तक खून के माध्यम से फैल जाता है।
जाने इसके मुख्य प्रकार
प्राइमरी और मेटास्टेटिक या सेकेंडरी। पहले ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क के भीतर उत्पन्न होते है और वे बिनाइग्न हो सकते हैं। एक माध्यमिक ब्रेन ट्यूमर, जिसे मेटास्टेटिक ब्रेन ट्यूमर के रूप में भी जाना जाता है, तब होता है जब कैंसर कोशिकाएं आपके मस्तिष्क में किसी अन्य अंग, जैसे कि आपके फेफड़े या स्तन में फैल जाती हैं।
बच्चे भी है इसके गिरफ्त में
एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रेन ट्यूमर से लगभग बीस फीसदी बच्चे जूझ रहे है हर साल ब्रेन ट्यूमर के 50 हजार नए मामले सामने आते हैं जिसमें 20 फीसदी बच्चे शामिल हैं। वहीं चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है की ब्रेन ट्यूमर अनुवांशिक भी हो सकता है जैसे पिता से पुत्र को भी सकता है।
क्या हैं लक्षण
सुनाई कम देता है या किसी के बात करने पर स्पष्ट सुनाई न देना
किसी बात को बोलने में तकलीफ होना
सिरदर्द होने के साथ ही उल्टियां होना
एक आंख की रोशनी कम होना
महिलाओं में हार्मोनल बदलाव होना
गले में अकड़न महसूस होना
नींद न आना
त्वचा का रंग बदलना या साँस ना आना