धारी देवी: आस्था के आगे झुका विज्ञान इंजीनियरों ने भी खड़े किए हाथ
कहते है आस्था में "मानो तो ईश्वर न मनो तो कुछ भी नहीं"

कहते है आस्था में "मानो तो ईश्वर न मनो तो कुछ भी नहीं" ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला मामला मां धारी देवी के मंदिर से जहां कार्य कर इंजीनियर को भी मां के आगे सर झुका कर हार माननी पड़ी। खबर के मुताबिक उत्तराखंड में ख़राब मौसम चलते बारिश-भूस्खलन से ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया। लेकिन कार्य कर रहे इंजीनियरों के साथ एक हैरान कर देने वाली घटना घटी की लोनिवि के अधिकारी मां धारी देवी की शरण में पहुंच गए।
बता दे की तोताघाटी इलाके के पास से काफी दिनों से रोड कटिंग का कार्य चल रहा है। जहां मजदूर पूरा दिन काम करते है वही रात को अपने आप जाने कहा से पहाड़ों से मलबा आकर इकट्ठा हो जाता है। इससे परेशान होकर लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने चमराड़ा देवी की पूजा-अर्चना की थी। इसी तरह बीआरओ ने भी सिरोबगड़ पर भूस्खलन प्रभावित ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग की मरम्मत से पहले भगवान शिव को मनाया था।
ताजा मामला नरकोटा का है। यहां बारिश से बार-बार हो रहे भूस्खलन से परेशान इंजीनियर साहब मां धारी देवी से मदद मांगने मंदिर पहुंच गए। इसके बाद अधिशासी अभियंता बीएल मिश्रा धारी देवी मंदिर में पहुंचे और प्रसाद चढ़ाकर वहां पूजा-अर्चना की। दरअसल बारिश और भूस्खलन की वजह से ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग नरकोटा के पास बंद पड़ा है। यहां बार-बार लैंडस्लाइड हो रहा है, जिससे रास्ते को खोलने में परेशानी हो रही है।