भारत सरकार से तीन लाख प्रिकॉशन डोज की मांग, मेडिकल शर्तों पर सिक्वेंसिंग लैब की स्थापना

सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में आरटीसीपी अधिकार बढ़ाने के साथ ही चारों ओर की मेडिकल शर्तों में सारी सिक्वेंसिंग लैब की स्थापना |

भारत सरकार से तीन लाख प्रिकॉशन डोज की मांग,  मेडिकल शर्तों पर सिक्वेंसिंग लैब की स्थापना


अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना महामारी का स्पर्श देखने वाली राज्य सरकार भी अलर्ट हो गई है। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में आरटीसीपी अधिकार बढ़ाने के साथ ही चारों ओर की मेडिकल शर्तों में सारी सिक्वेंसिंग लैब की स्थापना की जा रही है और दून मेडिकल कॉलेज में सुनिश्चित सिक्वेंसिंग की टेस्टिंग भी शुरू कर दी गई है। कोरोना महामारी की आहट को देखते हुए राज्यों में टीकाकरण अभियान में तेजी से आने वाले कुछ निर्देशित विभागीय अधिकारियों को दिया गया है, साथ ही केंद्र सरकार से तीन लाख प्रिकॉशन डोज की मांग की गई है।


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की सतर्कता बैठक में कोरोना रोकथाम को लेकर विस्तार के बारे में सावधानी से चर्चा की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से कोरोना काल के एक्सेसर को अपने-अपने राज्यों में सब्सक्राइबर को देखते हुए टीकाकरण अभियान में तेजी से, आरटीपीएक्स एक्सट्रेस्टिंग और कोविड-19 केसों की अनिवार्य रूप से अनिवार्य रूप से सिक्वेसिंग करवाये जाने के निर्देश दिए हैं।


उन्होंने कहा कि राज्य अपने तैयारियों को लेकर आने वाले 27 झटके अपने-अपने राज्यों की सभी चिकित्सा संस्थाओं में मॉक ड्रिल करें, ताकि कोरोना की रोकथाम के लिए पर्याप्त संसाधनों, मैन पावर और प्रबंधन का आकलन लागू किया जा सके। इसकी सभी रिपोर्ट राज्यों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को प्रस्तुत करनी होगी। बैठक में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने राज्य में कोरोना से बचाव को लेकर सरकार की जा रही तैयारियों ब्योरा दिया। डॉ0 रावत ने कहा कि राज्य में 12 साल से अधिक उम्र वर्ग के नागरिक पहले और दूसरे डोज में प्रतिशत प्रतिशत झूम रहे हैं जबकि 25 प्रतिशत लोगों को प्रिकॉशन डोज भड़क रहा है।


वे भारत सरकार से तीन लाख प्रिकॉशन डोज की मांग की है ताकि सभी नागरिकों का शीघ्रता से तीसरा डोज भी फड़फड़ा सके। विभागीय मंत्री ने बताया कि राज्य के सभी चिकित्सीय समाशोधन, श्रीनगर, हल्द्वानी व अल्मोड़ा में प्रतिदिन 11 हजार से अधिक आरटीपीसीआर परीक्षण की क्षमता है, जबकि इन चिकित्सा घोषणा में इसकी पूर्ण सिक्वेंसिंग लैब में प्रति माह 2 हजार से अधिक समान सिक्वेंसिंग की क्षमता है, वर्तमान में दून मेडिकल कॉलेज में सब सिक्वेसिंग लैब क्रियाशील है, जबकि अन्य तीन पाठ्यक्रमों में इनसाकॉग (आईएनएसएसीओजी) में पंजीकरण के लिए एनसीडीसी से अनुमति दी गई है, अनुमति ही मिलती है यहां पर भी समान सिक्वेंसिंग लैब शुरू हो सकती है।


उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में कुल 22 हजार 428 ऑक्सीजन सिलेंडर, 9 हजार 743 ऑक्सीजन कैन्सेंट्रेटर तथा 86 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट क्रियाशील है, जबकि सूबे के राजकीय चिकित्सायों में 762 आईसीयू बेड, 8 हजार 189 ऑक्सीजन कैन्सेंट्रेटर तथा 1 हजार 32 कनेक्शन हैं । इसी प्रकार 11 राजकीय जांच केन्द्रों पर प्रतिदिन लगभग 15 हजार आरटीपीसी जांच की सुविधा उपलब्ध है।